दिवाली के दिन अखंड ज्योत जलाने से क्यों प्रसन्न होती है मां लक्ष्मी?
साल 2025 में दिवाली का पर्व 20 अक्टूबर को मनाया जाएगा। यह दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की आराधना का सबसे शुभ समय माना जाता है। दिवाली की रात को पूरे घर में दीप जलाए जाते हैं, लेकिन इनमें सबसे खास होती है अखंड ज्योत, जो पूरी रात जलती रहती है। ऐसा माना जाता है कि अखंड दीपक न केवल घर में समृद्धि लाता है, बल्कि हर दिशा में शुभ ऊर्जा का प्रसार भी करता है।
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Sanjay Purohit
Created AT: 17 अक्टूबर 2025
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साल 2025 में दिवाली का पर्व 20 अक्टूबर को मनाया जाएगा। यह दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की आराधना का सबसे शुभ समय माना जाता है। दिवाली की रात को पूरे घर में दीप जलाए जाते हैं, लेकिन इनमें सबसे खास होती है अखंड ज्योत, जो पूरी रात जलती रहती है। ऐसा माना जाता है कि अखंड दीपक न केवल घर में समृद्धि लाता है, बल्कि हर दिशा में शुभ ऊर्जा का प्रसार भी करता है।

दिवाली, यानी दीपों का त्योहार, हिंदू धर्म में सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है। यह पर्व अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है। दिवाली पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा का विधान है, और इस दिन घर में दीये जलाना बहुत ही शुभ माना जाता है। दिवाली के दिन घर में अखंड ज्योत जलाने का विशेष महत्व है। आइए, जानते हैं कि दिवाली पर अखंड ज्योत जलाने से क्या होता है और इसके सही नियम क्या हैं।

दिवाली पर अखंड ज्योत जलाने का महत्व

अखंड ज्योत को साक्षात देवी-देवताओं का स्वरूप माना जाता है। यह अग्नि तत्व की उपस्थिति को दर्शाती है और घर के वातावरण को शुद्ध करती है।

नकारात्मक ऊर्जा का नाश: अखंड ज्योत की लौ से उत्पन्न ऊर्जा घर की समस्त नकारात्मक शक्तियों और दोषों को दूर करती है, जिससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

सुख-समृद्धि का वास: यह माना जाता है कि धनतेरस से लेकर भैया दूज तक अखंड दीपक जलाने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है। यह निर्धनता को समाप्त करने में सहायक है।

पितृ शांति: अखंड ज्योत जलाने से पितरों को शांति मिलती है और वे संतुष्ट होकर अपना आशीर्वाद प्रदान करते हैं।

वास्तु दोष दूर: अखंड ज्योत से उत्पन्न अग्नि तत्व घर के वास्तु दोषों को दूर करने में भी सहायक होता है।

आयु वृद्धि और स्वास्थ्य लाभ: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सही दिशा में ज्योत जलाने से परिवार के सदस्यों की आयु में वृद्धि होती है और स्वास्थ्य बेहतर होता है।

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